आ रही रवि की सवारी Posted by Aapka Mitra on February 14, 2019 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps आ रही रवि की सवारी :-हरिवंश राय बच्चन आ रही रवि की सवारी। नव-किरण का रथ सजा है, कलि-कुसुम से पथ सजा है, बादलों से अनुचरों ने स्वर्ण की पोशा़क धारी। आ रही रवि की सवारी। विहग, बंदी और चारण, गा रहे हैं कीर्ति गायन, छोड़कर मैदान भागी, तारकों की फौज सारी। आ रही रवि की सवारी। चाहता, उछलूँ विजय कह, पर ठिठकता देख कर यह- रात का राजा खड़ा है, राह में बनकर भिखारी। आ रही रवि की सवारी।। Comments
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